अन्जान से आशिकी उस रात क्यो हुई

ये तो कोई इत्तैफाक ही है की मुझमे भी कभी ऐसा समय आजायेगा की मै आपको एक दिन के प्यार की हकिकत से वाकिफ कराऊ, तो आज मित्रौ मै बात कर रहा हु एक ऐसी काली रात की जिसने मेरा आराम निन्द और दिल भी छिन लिया क्यौ की उस रात मेरी मुलाकात एक ऐसै शक्स से हुई जिनको मेने कभी नही देखा , पर जब से देखा है तब से यह ख्वाईश है की हर पल बस दैखता ही रहु ,

मै कुछ दिन पहले एक मित्र के साथ एक जलसे मे गया था वहा जन्म दिन मनाया जा रहा था कुछ वहा पच्चास व्यक्ती हौगें सब , और बहा एक ऐसी बला आई थी जिसने मेरी जिन्दगी मे तुफान मचादिया मै उनका नाम अदब से कहुगां क्यौ की एक ही रात मे जान बस गई है मेरी उन मे,

उनका नाम है नुरन खान वो बिलकुल ही ऐसी लगती है जेसै आसमान सै उतर कर आई हो क्यौ की उस रात सभी मधु रस मै भिगै हुऐ थै और सब लोगो के पैर थिरक रहै थै वहा बहुत ज्यादा आवाज मै सगींत बज रहा था ,इधर थोड़े लड़खाड़ाऐ हम भी थै मेरी नजर जब नुरन पर पड़ी तब ऐसा लगा मानो यु ही दुनिया मे बेकार समय बर्बाद कर रहै थै, क्यौ की नुरन नै हिज़ाब पहना हुआ था तो मुझै कुछ यु लगा उनका चहरा 

    " नैन समन्दर निलासा उस पर तिखी नज़र
     हल्की सी होठौं की लाली ने किया असर
       क्या बताऊ मै गालो की चमक थी भवंर
       मुझै घायल करने मै छौड़ी कोई कसर "_

कुछ समझै मित्रौ मै क्या कहु जितना कहु कम है क्यौ वो दुर बेठी हुई मुझै देख रही थी और मै उन्है , उनकी आखैं मानो सागर हो इतनी गहराई की मे तो खोता ही गया मै उस समय कुछ भी समझ सै परे था ,उन्के हौठौं की लाली मे मानो मधुसागर बह रहा हो दुर से देखकर ही मदहोश होता जा रहा था मुझे शराब और पिने की जरुरत नही थी मै हैरान था उनके गालो की चमक को देख कर उनके गालो की चमक इतनी थी की रोशनी उनके गालो से टकराकर वापस आ रही थी ,
उनके हाथ मे शराब का ग्लास था वो शराब पिये जा रही थी मेरै दिल को घायल करने मे कौई कसर नही छौड़ी थी ,

मे जो कभी भी लड़की के प्यार को न समझने वाला एक पल मे ही दिल लुटा बेठा था , जब वो थोड़ी देर बाद मेरे़ै करिब आई तो मानो लग रहा था की कायनात पर कयामत आने वाली है क्यौ की करिब सै मै और ज्यादा देख पा रहा था उस समय मुझे उस बारिश की शाम की याद आ गई जिससै आपने भी कई बार देखा होगा घनघौर घटा आने वाली हो और शाम पहली हो तब कही थोड़ी सी जगह से आपको सुरज दिखे बिलकुल वेसा ही प्रतित हो रहा था मुझै ,

अब रात अपनी परवांगी पर चड़ी हुई थी सभी झुम रहे थै मदहोश होकर , वो जेसै ही करिब आकर खड़ी हुई मेरी पुरी खुमारी उतर चुकी थी मै पुरै होश मे था पर मुझै होश नही था , मै तो पागल हुऐ जा रहा था जब उन्होने मुस्कुराते हुए पुछा आपका नाम तो बताईये जनाब मैने अपना परिचय दिया मै बहुत उत्सुकता मे था जो कुछ समझ आया वो बोल दिया क्यो की करिब आकर वाकई मै कयामत आ चुकी थी मै इस पल को जब भी सोचता हु मेरे रोगंटै खड़े हो जाते है वो इसीलिए बस की जितनी लड़की के पास आज तक गया उनमै सै एक के पास भी रुहानी महौब्बत नही थी जो नुरन की नज़रो से बरस रही थी और मै भिग रहा था ,
हद तो तब हुई जब नुरन ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा जरा हम भी झुमते है इन मदहोश नगमो मै तब एक पल के लिए तो मेरी सासें रुक गई थी फिर जो नुरन ने कहा वेसा ही हुआ अब कुछ ही देर हुई थी हमे की नशा उतने लगा तब नुरन ने कहा की अब हम और भी नशै मै भिगना चाहते है  मेने कहा शौक से पर उस समय यह पता नही था की अब कुछ गलत होने वाला है
जब ज्यादा शराब हो गई तो नाचते हुऐ एक टेबल से टकरा गई और गिर गई जिसके कारन उनको सिर मै चोट आ गई और वो सच मे बैहोश हो गई तब सब शान्त हो गये एक पल बाद ही अफरा तफरी मच गई वहा ,

मै बस नाम के अलावा कुछ और न जान और उनको अस्पताल लेकर गये कुछ मित्र और ईधर मेरै मित्र ने कहा उठो भाई आठ बज गयै,

मित्रौ आभार व्यक्त करना चाहता हु आप सभी को जो इतना अनमोल समय दिया बस इश्वर से प्रार्थना करता हु को आपके साथ कभी ऐसा न हो , .......अर्जुन प्रताप मेवाड़ा

Comments

  1. Janab Aap Btayege Ye Mud Kha rhi h.
    Strt me to Hame Esa Lga,
    Jo Aap ko Btane Ki Jarurt Nhi, Aapko Bhi Pta Hai. Wo kya h👏👏🙏🙏🙏

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